जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
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मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥ योगी यति मुनि ध्यान shiv chalisa lyricsl लगावैं ।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
धन निर्धन को shiv chalisa in hindi देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
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